भारतीय दार्शनिक चिन्तन परम्परा


• हर पदार्थ अपने सूक्ष्म रूप में विचार करता है और हर विचार अपने सूक्ष्म रूप में पदार्थ में होता है।
- स्वामी विवेकानंद 

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